शत्रु विद्वेषण मंत्र 

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अगर कोई शत्रु आपसे बलवान हो और आप उस से जीत नहीं पा रहे है और उस शत्रु से बचने का कोई अन्य विकल्प भी नहीं है आपके पास तो ऐसे में आप शत्रु विद्वेषण मंत्र के माध्यम से अपने शत्रु से मुक्ति पा सकते है और उसको भ्रमित भी कर सकते है ऐसे में आपका शत्रु चाहे जितना बलवान क्यों न हो उसको हराना विद्वेषण के माध्यम से सरल है मगर यहाँ प्रश्न ये उठ जाता है की आपका विद्वेषण करने के पीछे का कारण सही होना चाहिए।
हमारे तंत्र ग्रंथो में नारद विद्वेषण मंत्र, हनुमान विद्वेषण मंत्र, काली विद्वेषण मंत्र, भैरव शाबर तीव्र विद्वेषण मंत्र जैसे विभिन्न मंत्रो का उल्लेख मिलता है जिनसे हम दो लोगो को आपस में शत्रु बना सकते है और आजकल ऐसे मंत्रो का इस्तेमाल गलत कार्य के लिए ज्यादा हो रहा है।  विद्वेषण का गलत प्रयोग होने से वजह से बहुत से लोग बिना वजह संकट में आ जाते है और उनके रिश्ते टूटने लगते है।  ऐसा इसलिए हो रहा है क्युकी इंटरनेट का जमाना है खोजने पर यहाँ सबकुछ मिल जाता है और उसके बाद लोग उस विधि या मंत्र का गलत प्रयोग करके स्वार्थ पूर्ति करने लगते ह।
अगर अचानक आपके रिश्ते में करवाहट आ गयी है। आपसी तनाव और झगड़े रोज हो रहे है।  घर का माहौल बिना कारण हमेशा ख़राब रहता है और आपका अपना जीवन साथी या प्रिय आपका दुसमन बन गया है तो एकबार अवश्य ही किसी तांत्रिक से ये चेक करवा के की कही आपदोनों पर विद्वेषण प्रयोग तो नहीं हुआ है क्युकी इसका पता नहीं चलता और लोग एक दूसरे को गलत समझ कर रिश्ता तोड़ लेते है और किसी अन्य का स्वार्थ पूरा हो जाता है।

विद्वेषण मंत्र तंत्र के लाभ और हानि

तीव्र विद्वेषण मंत्र का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति आपके प्रिय को आपसे छीन लेने का प्रयास कर रहा हो या जब किसी व्यक्ति विशेष के वजह से आपका प्रिय आपसे दूर हो रहा हो।  आजकल अक्सर ऐसा देखने में आता है की अचानक आपके प्रेम सम्बन्ध में किसी तीसरे व्यक्ति के वजह से खटास आने लगती है और वो व्यक्ति धीरे धीरे आपके प्रिय को आपसे दूर करने लगता है और आप चाह कर कुछ नहीं कर पाते।  कभी कभी परिवार के लोग भी प्रेम सम्बन्ध में हस्तक्छेप करने लगते है जिसके वजह से रिश्ते टूट जाते है।  ऐसे तमाम समस्याओ का एक इलाज है विद्वेषण मंत्र तंत्र प्रयोग।

विद्वेषण मंत्र तंत्र प्रयोग वह भी बहुत काम आता है जब आपके ससुराल वाले आपके शादीसुदा जीवन में खटास पैदा कर रहे हो और आप उनसे तंग आ गए हो।  विद्वेषण का सीधा अर्थ है दोनों लोगो के बीच में द्वेष, दुरी पैदा करना और ऐसा तब किया जाता है जब आपसे कोई दुसमन अंदरूनी बदला निकाल रहा हो।
तीव्र विद्वेषण मंत्र का इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब आप उसका इस्तेमाल सही वजह से कर रहे हो।  बेवजह किसी को परेशां करने या दो लोग के बिच में दरार पैदा करके इस्तेमाल करने के उद्देश्य से कभी भी विद्वेशन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।  अगर वाकई कोई आपको परेशां कर रहा हो दुःख दे रहा हो और आपके पास अन्य कोई रास्ता न हो तो ही विद्वेषण का इस्तेमाल करे।

विद्वेषण को ख़त्म करने और तोड़ने के उपाय

अगर आप के ऊपर या आपके परिवार के ऊपर विद्वेषण तंत्र मंत्र का प्रयोग किया गया है और आप इसको ख़त्म करना चाहते है तो हमारे गुरुदेव अविजीत आचार्य से संपर्क कर सकते है और परामर्श ले सकते है तंत्र में हर चीज की काट संभव है मगर करने वाला व्यक्ति जानकार होना चाहिए।  विद्वेषण भी ठीक वशीकरण के तरह ही है बस फर्क इतना है की वशीकरण दो लोगो को जोड़ता है और विद्वेषण दो लोगो के रिश्ते तोड़ने में प्रयोग आता है मगर जैसे वशीकरण की काट संभव है वैसे विद्वेषण को भी खत्म किया जा सकता है।

आजकल लोग अपने दुःख से ज्यादा दुसरो के सुख से दुखी है और जलनवश विद्वेषण जैसे प्रयोग करने से भी नहीं हिचकिचाते है ऐसे में अगर आप का सबसे झगड़ा होना शुरू हो जाये, बिना बात रोज घर में कलह हो रही हो और आपके अपने परिवार, दोस्त, रिश्तेदार आपके विरुद्ध हो गए हो तो सम्हल जाइये, हो सकता है आपके ऊपर तीव्र विद्वेषण मंत्र किया गया हो।  कई बार तो लोग तांत्रिको के माध्यम से काली, भैरव, और नारद विद्वेषण एक साथ करवा देते है ताकि व्यक्यि आजीवन लम्बे वक़्त तक परेशां रहे और वो उसकी हालत देख कर खुश होते रहे।

इसलिए ये कत्तई न समझे की साइंस का जमाना है ये सब फालतू बाते है।  ये वो शक्तिया है जो अदृस्य होकर भी इतना गंभीर नुकसान पंहुचा देती है जिनकी आप उम्मीद भी नहीं कर सकते और एक उच्च कोटि का तांत्रिक ही सिर्फ एक तांत्रिक के किये कुकृत्य को ख़त्म कर सकता है इसलिए अगर कुछ भी अजीब घटनाये हो रही है तो आप गुरूजी से संपर्क कर सकते है।

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